जिन्दगी - सुब्रत आनंद शेयर करें المؤلفSubratPosted atसितंबर 05, 2021 तुम देख सकते हो,हमारे अंदर की तन्हाईजो बसी हुई हैजन्म- जन्मांतर से हमारे हृदय की गहराइयों में,एक लंबी टीस सीखा रही हमें भीतर ही भीतरउससे जल्द हीपाना है निज़ातताकि बन सको जिंदगी मेरीहाँ तुम.....हाँ तुम ।।सुब्रत आनंदबाँका (बिहार ) टिप्पणियाँ EmotionsCopy and paste emojis inside comment box
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