कुछ दोहे...
सपने होते सच वही, दिखें जो खुली आँख
पंछी उड़ते तब तलक, जब तक रहते पाँख...!!
पंछी उड़ते तब तलक, जब तक रहते पाँख...!!
बचपन के वो दिन कहाँ, बस उसकी है याद
वो गाँव की मस्तियाँ, मिली न उसके बाद...!!
वो गाँव की मस्तियाँ, मिली न उसके बाद...!!
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